Taleemi Samandar

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Monday, 23 November 2020

अनाज हम तक कहा/कैसे ‏से आता हे/ ‏food ‎story/اناج کی کہانی

मित्रो क्या आप जानते हो हमारी थाली तक रोटी कैसे आती है ?अनाज कहा से आता है? और कैसे आता है? यही सवालों के जवाब हम आपके लिए लेकर आये है.
 आये देखते है अनाज की कहानी. जो मिट्टी से शुरू होती है.

*खेत को अनाज बोलने के लिये तयार करना.
गर्मा के मौसम मे खेतो मे बहुत मेहनत के काम होते है ट्रॅक्टर को अवजार जोडकर खेत के काम शुरू हो जाते है. पहिली खेत मे हाल चलाते है मिट्टी को डीला करते है जमीन की सत्ता को हम प्यार करते है जिसे फसल बोलने के लिये तयार करते है इस तरह के काम होते है.
*खेत मे अनाज बोना.
जून के महिने से हमारे देश में बारेश शुरू होती है .पहली बारिश होते ही गर्मी की वजा से तप्ती जमीन से भाप निकलने लगती है इस्मे अनाज भोया जाता है .कुछ दिनों में छोटे छोटे पवदे निकालते है. इन पवदो के साथ खेत में घास भी बढती जाती है इसके लिये निकालना पडता है.
* पवदो की निगराणी करना.
बारिश के पानी की वजह से पवदे जल्दी-जल्दी तेजी से बढणे लगते है. पवदे मे अनाज की बलिया लगती है और वेह बडेने लगती है . ऊस मे दाने भरणा शुरू हो जाते है. दानो को देख कर परिंदो के झुंड दाना चुडणे के लिये शुरू हो जाते है. गोफण घुमाकर परींदो को उडाना पडता है. किडा ना लगे इसके लिए दवाई छडकाव करना पडता है.
*कटाई
दाने पुरी तरहा भरणे पर कटाई करना पडती है. कटाई यांनी खेत के पदो मे लगे भुट्टो को काटकर अलग करना.
*गहाना (मलनी करना)और ऊसाई करना.
अब अनाज के भुट्टो से दाणे अलग करने का काम शुरू हो जाता है .इसे कहते है ऊसाई करना मलणी करना. मशीन के जरिये गहना और उसाई का काम एक वक्त मे हो जाता है .कटाई कये होये भुट्टे मशीन मे डालते है. दाने अलग हो कर मशीन से बांधे थैले मे जमा हो जाते है और दुसरा कचरा दूर जा  गिरता है.
जब मशिने नही थी तब गहना का काम बैलों की मदत से लिया जाता था. ऊसाई के लिए किसी उची जगा पर खडे होते थें और गहना किया हुआ अनाज सुप के जरिये जमीन पर छोडा जाता था हवा की वजहसे भुसा और कचरा दूर जा गिरता था. अनाज के दाने का ढेर लग जाता था.
*तयार अनाज के बोरे मंडित पहचाना.
 अनाज और उसके बोरे गाडी मे भरकर मंडी मे ले जाये जाते है. मंडी मे बेवपारी अनाज के बोरे खरिदते है. तब किसान को ऊगाये हुए अनाज के पैसे मिलते है. बेवपारी जो अनाज खरीदते है.वो सारे मुल्क मे बेचा जाता हे.
*अनाज के छोटे बवपरी.
अब अनाज के बोरे छोटे व्यापारी के पास अते है .लोग इन के पास से अनाज खरीदते है .चुलते है साफ करते है इसका अटा पिस्वाते हे.. तब कही जा के हमारी थाली मे रोटी आती है.


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